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कच्चे-पक्के व ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर सरपट दौड़ेगी यह व्हील चेयर (This wheelchair will run gallop on rough-paved and bumpy paths)

. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश को आत्मनिर्भर बनाने के दिशा में वोकल फॉर लोकल मंत्र की दिशा में आगे बढ़ते हुए भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान मद्रास (आइआइटीएम) के पूर्व छात्रों ने एक ऐसी व्हील चेयर तैयार की है जो गांव के ऊबड़-खाबड़ व कच्चे-पक्के रास्तों को भी आसानी से पार कर जाएगी। भारत की सड़कों के हालात के अनुसार तैयार की गई बैटरी चालित यह व्हील चेयर एक बार बैटरी चार्ज होने पर 30 किमी का फासला तय कर सकेगी। यह व्हील चेयर 25 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से दौड़ सकेगी। जियो बोल्ट नाम की यह व्हील चेयर बनकर तैयार हो गई है और जल्द ही बाजार में होगी। इसकी खासियत यह है कि इसके साथ टूल किट व अन्य स्पेयर पार्टस भी होंगे ताकि कहीं बीच रास्ते में खराब होने पर उसे तुरन्त ठीक भी किया जा सकेगा। बैटरी चालित इस व्हील चेयर को नियो बोल्ट नाम दिया गया है। इस व्हील चेयर की एक अन्य विशेषता यह भी है कि वह व्हील चेयर व्यक्ति की जरूरत के अनुसार तैयार की गई है। ऐसे में व्हील चेयर को चलाने में आसानी रहेगी।

आइआइटी मद्रास के मेकेनिकल विभाग के प्रोफेसर सुजाता श्रीनिवासन के मार्गनिर्देशन में आइआइटी के पूर्व छात्र स्वस्तिक दास ने इसकी डिजाइन तैयार की है। स्वस्तिक दास ने नियो मोशन नाम से 2016 में स्टार्टअप शुरू किया। इससे पहले वे नियो फ्लाई व्हील चेयर बना चुके है। ऐसी दो सौ व्हील चेयर 24 राज्यों में बेची गई है। यह व्हील चेयर भी साइज में छोटी होने व चलाने में आसान होने के कारण बहुत पसंद की गई।

अमूमन डोनेशन में मिलती है व्हील चेयर

भारत में अक्सर व्हील चेयर डोनेशन में अधिक दी जाती है। ऐसे में दानदाता जिस व्यक्ति को व्हील चेयर दान में देते हैं। उसे देने के बाद भूल जाते हैं। ऐसे में व्हील चेयर कुछ समय बाद खराब हो जाने पर कबाड़ में चली जाती है। डोनेशन में व्हील चेयर देने के चलते न तो उसकी गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाता है और न ही इसकी साइज पर। छोटे-बड़े हर व्यक्ति के लिए अमूमन एक ही साइज की व्हील चेयर रहने से चलाने में भी दिक्कत आती है।

आत्मनिर्भरता का सीधा संबंध क्वालिटी से हैं और इसी से देश आगे बढ़ सकता है। नियो बोल्ट बैटरी चालित व्हील चेयर में भी गुणवत्ता का खास ध्यान रखा गया है । यही वजह है कि इसकी अभी से खूब डिमांड आनी शुरू हो गई है। यह हर वर्ग के लिए उपयोगी होने एवं चलाने में बहुत आसान होने के कारण इसका रखरखाव व नियंत्रण करना भी काफी सरल होगा। विदेश से भी इसके लिए पूछताछ की गई है।