नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) कोविड-19 महामारी के कारण देश के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) इस बार छात्रों के लिए दीक्षांत समारोह का आयोजन वास्तविक और डिजिटल तकनीक को मिलाते हुए कर रहे हैं। आईआईटी मद्रास ‘मिक्स्ड रियलिटी’ (एमआर) तकनीक का इस्तेमाल करते हुए अपनी तरह के पहले और विशेष दीक्षांत समारोह का आयोजन कर रहा है जहां भौतिक और डिजिटल वस्तुएं सह-अस्तित्व में रहती हैं। एमआर वास्तविक और आभासी दुनिया का ऐसा संगम है जहां नया परिवेश बनता है। आईआईटी मद्रास के निदेशक भास्कर राममूर्ति ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम संस्थान के 57वें दीक्षांत समारोह का आयोजन ऐसी तकनीक का इस्तेमाल करके कर रहे हैं जहां दर्शकों के लिए ऑनलाइन आभासी अनुभव प्रदान करने के लिहाज से वास्तविक और डिजिटल को मिलाया जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस्तेमाल की जा रही प्रौद्योगिकी एनिमेशन या वर्चुअल रियलिटी नहीं है।’’ आईआईटी बंबई ने अगस्त में ‘वर्चुअल रियलिटी’ का उपयोग करते हुए अपने दीक्षांत समारोह का आयोजन किया था और छात्रों के डिजिटल अवतारों को इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए डिग्रियां प्रदान की गयी थीं। संस्थान के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘दीक्षांत समारोह के लिए छात्र एकत्रित नहीं हो सकते है, वहीं इस बार मुख्य अतिथि के रूप में नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर डनकैन हलडेन को आमंत्रित किया गया था और छात्रों को एक आभासी मंच पर डिजिटल अवतारों में मेहमानों के साथ देखा गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संस्थान के 62 साल के इतिहास में पहली बार हमने दीक्षांत समारोह वाले दिन छात्रों के डिजिटल अवतारों को पदक, पुरस्कार और डिग्रियां प्रदान कीं। हम नहीं चाहते थे कि छात्रों को एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान से उत्तीर्ण होने का गौरव और इस उपलब्धि की कमी न खले।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईआईटी बंबई के दीक्षांत समारोह के आयोजन की प्रशंसा करते हुए ट्वीट भी किया था। आईआईटी कानपुर के पिछले सप्ताह आयोजित दीक्षांत समारोह में ऑनलाइन पदक प्रदान किये गये। आईआईटी रुड़की अपने दीक्षांत समारोह की योजना बना रहा है और इसे अपने छात्रों के लिए यादगार बनाने के बारे में सोच रहा है।