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फ्रांस, जर्मनी और भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर करेंगे काम (France, Germany and India will work on Artificial Intelligence)

नई दिल्ली: फ्रांस और जर्मनी के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थान भारतीय संस्थानों के साथ मिलकर काम करेंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, शिक्षा के अंतराष्ट्रीयकरण को विशेष तौर पर प्रोत्साहित कर रहा है। यही कारण है कि अब फ्रांस और जर्मनी जैसे देश भारत में डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नई तकनीकी एवं वैज्ञानिक ज्ञान के क्षेत्र में काम करेंगे। फ्रांस और जर्मनी भारत में केरल स्थित आईआईटी पलक्कड़ के साथ मिलकर काम करेंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, “फ्रांस और जर्मनी के विभिन्न संस्थानों के साथ आईआईटी पलक्कड़ अपने सेंटर फॉर रिसर्च एंड एजुकेशन इन डेटा साइंस के माध्यम से डेटा साइंस तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नए तकनीकी एवं वैज्ञानिक ज्ञान के क्षेत्र में नए संभावनाओं को तलाश रहा है। ऐसे सहयोगी समझौते निश्चित रूप से शिक्षा की गुणवत्ता तथा भारत की सॉफ्ट पावर को और मजबूती प्रदान करेंगे।”

आईआईटी पलक्कड़ के स्थायी परिसर के प्रथम चरण के निर्माण कार्यों के लिए 1006 करोड़ रुपये की बजट राशि अनुमोदित की जा चुकी है। दिसंबर 2022 तक इसके प्रथम चरण के निर्माण कार्य को पूरा किया जाना है।

2015 में आईआईटी मद्रास की देखरेख में आईआईटी पलक्कड़ शुरू हुआ था। तब इस संस्थान में सिर्फ चार बी टेक प्रोग्राम तथा 106 छात्र थे। आज इस संस्थान में चार बी टेक प्रोग्राम, छह एम टेक प्रोग्राम, तीन एमएससी प्रोग्राम में लगभग 800 छात्र हैं। जिन्हें 94 फैकेल्टी मेंबर्स पढ़ाते हैं।

निशंक ने कहा, “स्टडी इन इंडिया, स्टे इन इंडिया तथा शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण के माध्यम से हम भारत को शिक्षा के एक वैश्विक हब के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही शिक्षा की उच्च गुणवत्ता के लिए यह जरूरी भी है कि हम विश्व के अग्रणी विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग, समन्वय एवं समझौते के तहत आगे बढ़ें। ऐसे में आईआईटी पलक्कड़ देश-विदेश के बहुत सारे संस्थानों जैसे कि कोच्ची की नवल फिजिकल ओशियनोग्राफिक लेबोरेटरी, बेंगलुरु के निमहंस, यूनिवर्सिटी आफ अल्बर्टा (कनाडा), सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी व दक्षिण कोरिया की हन्यांग यूनिवर्सिटी तथा रूस के बेल्गोरोद स्टेट टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के साथ सहयोग और समन्वय के माध्यम से आगे बढ़ रहा है जो कि काफी सराहनीय है।”

केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक ने कहा कि, “हमारे देश में आईआईटी जैसे संस्थानों के कंधों पर उच्च गुणवत्ता युक्त तकनीकी और वैज्ञानिक शिक्षा देने की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। ऐसे में भारतीय प्रौद्योगिक क्रांति के लिए जरूरी है कि आईआईटी जैसे संस्थान ‘ज्ञान, समाज और राष्ट्र के प्रति योगदान’ की एक व्यापक सोच के साथ आगे बढ़ें और मुझे खुशी है कि आईआईटी पलक्कड़ समेत सभी आईआईटी संस्थान इसी व्यापक सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं।”

आईआईटी पलक्कड़ ने कम लागत वाले मेडिकल वेंटीलेटर के निर्माण, पेपर स्ट्रिप्स आधारित टेस्ट किट, पल्स ऑक्सीमीटर, फेफड़े की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड स्क्रीनिंग डिवाइस (जो कि ट्रायल स्टेज पर है) तथा रेस्पिरेटर मास्क जो कि उत्पादन के चरण पर है, का इनोवेशन किया है।