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अयोध्या राम मंदिर: कार्यशाला से मंदिर परिसर में स्थानांतरित किए जा रहे तराशे गए पत्थर, ट्रस्ट ने दी जानकारी( Ayodhya Ram temple: carved stones being transferred from workshop to temple premises, trust informed)

अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के निर्माण को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं। राम जन्मभूमि परिसर में पत्थरों को ले जाने का कार्य शुरू हो गया है। वैदिक रीति-रिवाज से पूजन के बाद पत्थरों को राम जन्मभूमि परिसर ले जाया जा रहा है। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने शुक्रवार (9 अक्टूबर) को अपने ट्विट में लिखा है कि ‘जय श्री राम! श्री रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए तराशे गए पत्थरों को कार्यशाला से मंदिर परिसर में स्थानांतरित करने का कार्य प्रारंभ हो गया है। इन्ही पत्थरों से भव्य और दिव्य श्री रामजन्मभूमि मन्दिर का निर्माण किया जाएगा।’ रामजन्मभूमि कार्यशाला में तराशी गई शिलाओं की नाप-जोख होने के बाद अब इनको रामजन्मभूमि परिसर में शिफ्ट किया जा रहा है। न्यास कार्यशाला में 1990 से ही शिलाओं की तराशी की जा रही है।

इस भव्य परियोजना से आईआईटी चेन्नई और एलएंडटी के करीब दो सौ विशेषज्ञ जुड़े हुए हैं। एलएंडटी कंपनी के मशीनों द्वारा पत्थरों ले जाने का कार्य किया जा रहा है। पत्थरों को ले जाने के लिए क्रेन मशीन व ट्रक का इस्तेमाल किया जा रहा है। राम मंदिर में लगने वाले पत्थरों को परिक्रमा मार्ग से राम जन्मभूमि परिसर तक पहुंचाया जाएगा। प्रथम चरण में ग्राउंड फ्लोर के 106 स्तंभों को ले जाया जाएगा। इन पत्थरों को रखवाने के लिए राम जन्मभूमि परिसर में ही प्लेटफार्म बनवाया गया है।

बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते पांच अगस्त को मंदिर की नींव तथा शिला पूजन किया था। इसके बाद नक्शा पास कराने के साथ ही जमीन की अन्य औपचारिकता पूरी की गई। सात टेस्ट पाइलिंग का निर्माण पूरा होने के बाद मंदिर में लगने वाले पत्थरों को अब कार्यशाला से राम जन्मभूमि मंदिर प्रांगण में लाया जा रहा है। राम मंदिर निर्माण का कार्य शूरू हो चुका है। पूरे परिसर में 1200 स्थानों पर पाइलिंग होनी है। पाइलिंग मशीनों से खंभों को खड़े होंगे। इन 1200 स्थानों पर एक मीटर व्यास में कुएं के आकार में पाइलिंग करा कंकरीट के पिलर खड़े किए जायेंगे। आपको बता दें कि लार्सन एंड टूब्रों द्वारा मंगवाई गई मशीनें इतनी बड़ी थी कि रामजन्म भूमि स्थल के मुख्य द्वार को तोड़ना पड़ा। दूसरी ओर मंदिर निमार्ण स्थल पर जर्जर मंदिरों को हटाने का काम भी शुरू कर दिया गया है।