रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन व पीएमओ के सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईएएस अफसर नृपेन्द्र मिश्र गुरुवार की देर शाम अयोध्या पहुंच गए। वह यहां तीन दिनों तक प्रवास करेंगे। इस अवसर पर ट्रस्ट के पदाधिकारियों व कार्यदाई संस्था एलएण्डटी के अलावा सीबीआरआई के विशेषज्ञों के साथ मंदिर निर्माण के तकनीकी पहलुओं पर गंभीर मंथन करेंगे। शुक्रवार को सर्किट हाउस में दूसरी पाली में बुलाई गयी है। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष महामंडलेश्वर गोविंद देव गिरि महाराज भी यहां पहुंच रहे हैं।
राम मंदिर के निर्माण के लिए फाउंडेशन का काम शुरु होना है। सीबीआरआई व आईआईटी चेन्नई के विशेषज्ञों की सलाह पर फाउंडेशन में सौ फिट गहराई में एक मीटर व्यास के 12 सौ भूमिगत स्तम्भ बनाए जाने हैं। कांकरीट के इन स्तम्भों के निर्माण कार्य शुरु करने से पहले परीक्षण का कार्य भी कराया गया। बीते 11 सितम्बर से शुरु हुए परीक्षण के अन्तर्गत विशेष ड्रिल मशीन के जरिए तीन सेट में पाइलिंग से 12 स्तम्भों का निर्माण कर उनकी क्षमता का आंकलन किया गया। अंतिम रुप से इस पर सात सौ टन वजन डालकर भार वहन क्षमता का भी परीक्षण हो चुका है। इसके बाद अब अंतिम रुप से मंदिर के फाउंडेशन का कार्य होना है।
रीक्षण रिपोर्ट से अभी ट्रस्ट अवगत नहीं
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी डा. अनिल मिश्र का कहना है कि कार्यदाई संस्था के विशेषज्ञों ने जो भी परीक्षण किया है, उसकी रिपोर्ट से अभी ट्रस्ट को अवगत नहीं कराया गया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण में विलंब होना उतना महत्वपूर्ण नहीं जितना कि त्रुटि रहित निर्माण का होना है। उन्होंने कहा कि सामान्य भवन निर्माण में किसी गलत निर्माण को तोड़कर सुधारा जा सकता है लेकिन यहां भूल सुधार की कोई गुंजाइश नहींं है। ऐसी स्थिति में जब तक कार्यदाई संस्था ट्रस्ट को पूरी तरह संतुष्ट करते हुए गारंटी नहीं देती है, तब तक निर्माण कैसे शुरु किया जा सकता है। वह कहते हैं कि इसीलिए सभी तकनीकी पहलुओं को समझा जा रहा है।
फाउंडेशन ढ़ालने के लिए दो कांकरीट प्लांट तैयार
राम मंदिर निर्माण कार्य आरम्भ करने से पहले रामजन्मभूमि परिसर में कार्यदाई संस्था एलएण्डटी की ओर से कांकरीट प्लांट स्थापित किया जा रहा है। इसी प्लांट में कांकरीट का मसाला तैयार किया जाएगा। बताया गया कि बड़ा कार्य होने के कारण तीन अलग-अलग प्लांट लगाया जा रहा है। अब तक दो प्लांट तैयार हो चुके हैं और तीसरे की तैयारी की जा रही है। उधर निर्माण कार्य से पहले जर्जर भवन को गिराने की प्रक्रिया में प्राचीन राम खजाना के जीर्ण-शीर्ण हिस्से को ध्वस्त कर मलबे की सफाई भी हो रही है।