अयोध्या. भगवान राम की नगरी अयोध्या (Ayodhya) में भव्य राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir Construction) का काम अब गति पकड़ रहा है. यहां पर मंदिर निर्माण कार्यशाला में हलचल तेज हो गई है. वैदिक रीति-रिवाज से पूजन के बाद राम जन्मभूमि परिसर में पत्थरों को ले जाने का काम आज से शुरू हो गया. मंदिर के निर्माण कार्य में लगी एलएंडटी की टीम विशाल मशीनों तथा क्रेन की मदद से पत्थरों को ट्रक पर लाद रही है. यहां राम मंदिर में लगने वाले पत्थरों को परिक्रमा मार्ग से राम जन्मभूमि परिसर में पहुंचाया जाएगा.
अयोध्या में श्रीराम मंदिर का नक्शा अप्रूव होने के बाद से मंदिर निर्माण को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं. इस भव्य परियोजना से आईआईटी चेन्नई और एलएंडटी के करीब दो सौ विशेषज्ञ जुड़े हुए हैं. रामजन्मभूमि कार्यशाला में तराशी गई शिलाओं की नाप-जोख होने के बाद अब इनको रामजन्मभूमि परिसर में शिफ्ट किया जा रहा है. आपको बता दें कि राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण दो तल के बजाय तीन तल हो गया है.
Ayodhya: Priests performed special prayers before the stones, carved for building the Ram Mandir, were shifted to the construction site, earlier today. pic.twitter.com/3BGDNwa3m3
— ANI UP (@ANINewsUP) October 9, 2020
राम जन्मभूमि निर्माण कार्यशाला से तराशे गए पत्थर को लेकर जैसे ही ट्रक और वाहन बाहर निकले वैसे ही विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारियों और ट्रस्ट के सदस्यों ने लड्डू खिलाकर एक दूसरे का मुंह मीठा कराया और उसके बाद पत्थर की शिलाओं को रामजन्मभूमि परिसर की ओर रवाना किया गया. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का मंदिर देश दुनिया में इच्छाओं के अनुरूप निर्मित हो इसकी प्रक्रिया पिछले भूमि पूजन से जनमानस के मन में है. उस काम को गति देते हुए हमारे एलएनटी के इंजीनियरों ने काफी गति प्राप्त की है.
15 अक्टूबर से पाइलिंग का कार्य प्रारंभ
पिलर्स टेस्टिंग का कार्य पूरा हो गया है. अब 15 अक्टूबर से पाइलिंग का कार्य प्रारंभ हो जाएगा. पाइलिंग का कार्य मार्च-अप्रैल 2021 में पूरा हो जाएगा उसके बाद ऊपर नींव का काम पूरा होगा. उन्होंने बताया कि आगामी 12 से 14 अक्टूबर के बीच पत्थरों को नियमित रूप से ले जाने का कार्य शुरू होगा उसके बाद पत्थरों की कोडिंग होगी कि कौन पत्थर कहां लगने हैं. राम मंदिर निर्माण में लगभग 39 महीने का समय लगने वाला है.